वासू वंडरफुल 5 मिनट 56 सेकन्ड में बनी हुई एक डाक्यूमेंट्री शार्ट फिल्म है। फिल्म वासूदेव मिश्रा के जीवन पर आधारित घटनाओं से प्रेरित है। अपने पिता के सरकारी कर्जें को उतारने के लिए गोंडा जैसे छोटे शहर से निकला वासू दिल्ली महानगर में आकर रोजगार की तलाश करता है, लेकिन बेरहम दिल्ली उससे ठेला चलवाने, मजदूरी करने, बोझा ढोने जैसे कामों में लगाती हैं। जब वासू मजदूरी करते हुए खारी बावली की गलियों से परिचित होता है तब समझ जाता है कि जिन्दगी यहीं से उसके लिए नये रास्तें खोलेगी। वासू यहीं पर सूखे मेवे की छिलाई और ढुलाई करने लगता है और यहीं से बादाम के व्यापार को समझता हैं। बादाम के एक बड़े व्यापारी के तौर पर अपनी पहचान बनाने वाला एक साधारण आदमी एशियाभर में मशहूर बादाम के नगर करावल नगर को बसाता है, जहां से आज दुनिया भर में बादाम भेजा जाता हैं।