तेरे गम का नमक मीठा लगा!

तुमने भी कहीं जरूर पढ़ा होगा, बुरे वक्त की अच्छी बात ये है कि वो ज्यादा देर रुक नहीं सकता। मैं कहूंगा, तो कहोगे दिलासा मत दो तुम दिलासे लेना भी मत, बस! एक जोर की ऐड़ लगाकर यह खाई पार कर लेना। जो अंधेरों से भरी रात है वो असल में चांदनी फिज़ा की महक है, जो थोड़ी देर बाद ही रोशनी का पैगाम लेकर सूरज के रथ पर आ रही है। अपने आसूंओं को यूं जाया मत किया करो। मीठा है तुम्हारे आंसूओ का नमक। मैंने चखा है, इसलिए बता रहा हूँ। मुझे शुगर कराओगी क्या?

गुलजार का कलाम नही हो सकता

नया तलाश करने की तलाश में आसमान का एक छोर उठाकर देखा तो पाया अभी तो बहुत सारा आसमान बाकि है। ये अलग बात कि किसका कितना बड़ा आसमान हो सकता है। आसमान में कमंद डालने वालों का सफर ज्यूं का त्यंू बना हुआ है।

जब हमने अपनी घड़ी की सूई को देखा तो कुछ साल और यूंही सेल बदलते हुए निकल गए। घड़ी बंद रहती है आजकल। किसी दिन नया सेल लाकर बदलना है। चायनीज जूते पहनकर बुड्ढों का लुक भी जवान नज़र आता है। जुमें की पेठ से चायनीज जुते खरिदे जा सकते है। ये काला खिज़ाब लगाने के जैसा ही है। एग्रीगेटर खुले नही अभी तक पुराने वाले जबकि नये अपनी पहचान बनाने में लगे हुए है।

फेसबुक पर अब वो भी है जो नही हो सकते थे कभी। सामने कचैरीयां बेचने वाला हलवाई और बराबर में आटे वाले का प्रोफाइल अगर किसी दिन दिख जाए तो शयद अब मैं हैरान ना रहूं। जुकाम से पिछले आठ दिनों से परेशन हूं। रूमाल निकालते हुए झेंप सी आती है। इस सीजन की ठंड तो चलती बनी। तीनों नये कोट जलवागर हुए बिना ही पैक कर दिये मेडम ने। पुरानी जर्सीयां भारी पड़ी नये कोटो पर। खत्म हो रहा है वैसलीन का डिब्बाए नया लाउं या ना असमंजस बना हुआ है। एकता कपूर की हवा फुस्स हो गयी।

सब के सभी प्रोग्रामों पर क्षेत्रीय जबानों का बोलबाल है। इलीट भी आजकल यही देख रहा है। प्रसून का भोंडापन कभी भी गुलजार का कलाम नही हो सकता। जुकाम के चलते सर दर्द कर रहा हैए और में बोर भी हो रहा हूं। पोस्ट अब पब्लिश हो जानी चाहिये।