NDTV की नगमा सहर

कुछ साल पहले अनीता कंवर की फिल्म ‘थोड़ा सा रूमानी हो जाए’ देखी थी। अब बारी है आपके रूमानी होने की। नगमा सहर को जानते हुए आपका रूमानी हो जाना स्वाभाविक हैं। ईश्वर को अगर कहा जाए कि वह अपनी बनाई हुई कृतियों में से कुछ चुनिंदा लोगों को अलग करे। तो आप शक ना कीजिएगा कि उनमें नगमा भी एक होगी। जब ईश्वर संसार के लिए हम इंसानों को बना-बना कर थक जाते थे। तब वह कुछ आराम करने के लिए अपने आपको कलात्मक काम में लगाते थे और ऐसा कुछ क्रिएट करते थे जो नायाब हो। नगमा शायद उसी एक पल का निर्माण है। आप देश की युवा पत्रकारों में शुमार है और NDTV में समाचार उदघोषिका है, मतलब खबरें पढ़ती है, और अपने खुद के शो सलाम जिन्दगी के कारण पहचानी जाती है।
आपने NDTV के लिए कई बेहतरीन और जोखिमभरी कवरेज को अजांम दिया है और लगातार नयी और सरचानात्मक उपलब्धियों को अपने खाते में दर्ज करती जा रही है। आप भीड़ में चुप नजर आती है, और अलग खड़ी होकर कोशिश करती है कि लोगों के ध्यान से बचे। ये भी उन कुछ चुनिंदा लोगों में से है जो चुपचाप अपने काम करने में यकीन रखते है। 18 अगस्त के दिन ही शायद ईश्वर कुछ बेहद अलग लोगों को बनाता है। गुलजार साहब भी इसी दिन नुमाया हुए थे। आपने भूगोल से मास्टर डिग्री ली और JNU से अपनी Ph।d। पूरी की। ’एशियन ऐज’ में शुरूआत करते हुए आपने पत्रकारिता में कदम रखा। शायद बहुत कम लोग जानते है कि नगमा ने आजतक के लिए एक मार्निग शो में बतौर एंकर भी काम किया है। नागापट्टनम में सूनामी की भंयकर त्रासदी, मुम्बई बम ब्लास्ट, इलाहाबाद का कुम्भ मेला, मेरठ का दर्दनाक विक्टोरिया पार्क आग कांड जैसी कुछ प्रसिद्ध टीवी कवरेजो के साथ नगमा के नाम की पहचान है। इसके अलावा और भी कई बेशूमार कार्यक्रमों से आपकी पहचान जोड़ी जाती है, और सलाम जिन्दगी शूरू करने के बाद तो आपने लोगों के ज़हन में एक नयी ही छाप छोड़ी है। सलाम जिन्दगी जैसे कार्यक्रम का अनूठा प्रस्तुतिकरण और आत्मियता तो खुद नगमा की ही सोच और व्यक्तित्व को रूबरू कराता है। जिसकी जगह आज लोगों के दिलों में है।
नगमा हमारे नये समाज का प्रतिनिधित्व करती है और बेहद सन्तूलित तरीके से अपनी जिन्दगी को जीती है। (सन्तुलित इसलिए कह रहा हूं कि वह अपने सर्किल में ही अपनी ख्वाहिशों को अजंाम देती है) नगमा के सामने अपना काम करते हुए जो सबसे बड़ा आर्दश किरदार सामने खड़ा है, वो बरखा दत्त का है। बरखा अपना शानदार सफर पूरा कर चूकी है लेकिन नगमा अभी अपने सूनहरे सफर के दौर में है। लेकिन उनको जाना कहा है ये ना नगमा जानती है ना कोई और। नगमा और बरखा का आपस में कोई लेना देना नही है बरखा बेहद आक्रमक है जबकि नगमा सोचने में समय लेती है। बरखा ने कभी किसी को अपने ऊपर हावी नही होने दिया है जबकि नगमा अक्सर सामने वाले के दबाव में आ जाती है। अभी हालिया दिल्ली 6 के प्रमोशन पर जब वह खुले बाजार में राकेश ओमप्रकाश, अभिषेक और सोनम से बात कर रही थी। तब उनका ये तनाव और दबाव आसानी से देखा जा सकता था। वह शायद किसी हद तक पोजसिव तो नही। खैर कोई बात नही।
नगमा की जिन्दगी तीन अन्य लोगो से बहूत मेच करती है। कंगना रनाउत, सोनिया जाफर, रिजवाना कश्यप। कंगना एक अदाकारा है, सोनिया एक डांसर है जबकि रिजवाना जिनको शमा के नाम से भी जाना जाता है एक काल्मनिस्ट है। ये तीनो बिल्कूल अलग लोग है और अलग-अलग काम करते है। लेकिन ये तीनों एक ही मिटटी के बने है। इनकी सोच और लाइफ स्टाइल बिल्कूल एक है। जिन्दगी को अपनी शर्तो पर जीने वाले लोग। बिदंस! जो चाहे वो करे, जैसे करे आपको क्या। नगमा के पास सलैक्टेड दोस्त है। आप चूप रहकर चीजो को विश्लेषण करती है और जो पसन्द आ जाए उसे किसी भी कीमत पर हासिल करती है। अगले तीन सालों के अन्दर आपको पत्रकारिता का एक बड़ा सम्मान और पदमश्री मिलना तय है। सलाम जिन्दगी के कुछ एपिसोड में बेहद बोल्ड सब्जैक्टस को उठाया गया है जिसको केवल नगमा ही कर सकती थी और कोई नही। ये मेरी बिल्कुल समझ नही आता है कि वह अपने माता-पिता से नफरत क्यों करती है। आप बिना शादी के बहूत खूश है। लिव इन रिलेशनश्ीाप पर आप एक कार्यक्रम भी बना चूकी है। भारत में अगर ऐसे लोग तलाश किए जाए जो बहूत ज्यादा और तेज मेकअप करते है तो नगमा का नम्बर यहां भी पहला ही होगा। आप बहूत डार्क मेकअप करती है जबकि ये उनको हल्का लगता है और अपना बहूत ख्याल रखती है क्योकि आपको दूसरो की परवाह है कि वो आपको देख रहे है। नगमा लापरवाह नही है लेकिन उनके पास कोई योजना भी नही है। NDTV के साथ अभी वे एक लम्बे समय तक रहने वाली है, NDTV में उनको एक आत्मियता नजर आती है। जो अन्य संस्थानों में ना के बराबर है। आने वाले समय में वह जरूर कुछ भाषणबाजी वाली किताबे लिखना चाहती है। लेकिन अभी समय नही है। ब्लाॅग के बारे में अभी तक उन्हे किसी ने नही बताया है जबकि खबरों से उन्हे इसके बारे में आम सी जानकारी है। नगमा की बचपन की दिली ख्वाहिश थी कि वह कुछ स्पेशल बने। फिल्मों में उनकी दिलचस्पी सिर्फ देखने में ही नही बल्कि काम करने और बनाने में भी है। (कुछ फोटो खीचाकर उन्होने अपने इस शौक को पूरा भी किया है) लेकिन अगर किसी ने काम का आॅफर किया तो वह शरमा जाएगी। हालांकि आमिर खान की फना मे एक छोटा सा रोल उन्होन बतौर नगमा ही किया है। बतौर कैरियर टीवी पत्रकारिता मे वह अगले 5 सालों तक जमी रहने वाली है लेकिन यदी वह प्राॅडक्शन हाउस खोलने में दिलचस्पी ले तो ये उनके लिए कही बेहतर विकल्प होगा। वह भारत की बेहद बोल्ड और बिंदास समाचार वाचिकाओं में से एक है जिसे वह बखूबी समझती है लेकिन जाहिर नही होने देती है।
अतः मैं फिर कहूंगा कि ये तनकीद निगारी किसी जाति उद्देश्य या भावना से नही बल्कि उनके काम और लेखन पर एक विचार या राय भर है। अगली समीक्षात्मक पोस्ट मशहूर ब्लॉगर इरफान ''टूटी हुई बिखरी हुई'' पर पढ़ना ना भूले। बहूत सारे मित्र अभी भी पूछ रहे है कि वह ब्लागिंग की पूस्तक कैसे प्राप्त कर सकते है ये बेहद आसान है दोस्तो आप एक मनीआर्डर रवि पाकेट बुक्स, 33 हरिनगर मेरठ शहर 250002 के नाम से भेजे आपको कुछ दिनो मे ही पुस्तक डाक द्वारा प्राप्त हो जाएगी। विशेष बात ये है कि सभी ब्लागर दोस्तो को पुस्तक बिना किसी डाक खर्च के भेजी जाएगी।

पेपर कटिंग

10 फरवरी को मेरठ में हुए ब्लागिंग सेमिनार एवं पुस्तक विमोचन कार्यक्रम अखबारों की ज़ुबानी। उन सभी पत्रकार दोस्तो का आभार जिन्होने पुस्तक की समीक्षा को इतने सून्दर ढंग से प्रस्तुत किया।

उपरोक्त समीक्षा दैनिक हिन्दूस्तान की मशहूर पत्रकार मनविंदर भिबंर जी ने की है। आप खुद भी ’मेरे आस पास’ के नाम से चर्चित ब्लाग चलाती है।
दैनिक हिन्दूस्तान की रिर्पोट
उपरोक्त समीक्षा वरिष्ठ स्तम्भकार सलीम अख्तर सिद्दीकी ने की है जो दैनिक DLA में प्रकाशित हुई। आप खुद भी ’हकबात’ के नाम से अपना ब्लाग चलाते है
दैनिक DLA की रिर्पोट
उपरोक्त समीक्षा दैनिक जागरण के युवा पत्रकार सचिन राठौड़ ने की है। आप खुद भी ’अपना समाज’ के नाम से अपना ब्लाग चलाते है
दैनिक राष्ट्रीय सहारा की रिर्पोट
दैनिक जागरण की रिर्पोट
बहूत सारे मित्र जानना चाह रहे है कि पुस्तक किस प्रकार से प्राप्त की जा सकती है। तो यह बेहद ही सरल है इसके लिए आप अपने शहर के AHW व्हीलर, या किसी भी प्रमुख बुक स्टाल से यह पुस्तक प्राप्त कर सकते है। क्योंकि ये पुस्तक भारत के सभी हिन्दीभाषी क्षेत्रों में सहज ही उपलब्ध है। इसके पश्चात भी यदी आपको पुस्तक ना मिले तब आप सीधे-सीधे 150 रूपये का एक मनीआर्डर प्रकाशक के नाम से भेजे जो इस प्रकार से होगा।
रवि पाकेट बुक्स
33 हरि नगर, मेरठ शहर (उ.प्र.) 250002
आपको कुछ दिन के अन्दर ही 336 पेज की यह पुस्तक डाक द्वारा भेज दी जाएगी। विशेष बात ये है कि सभी ब्लागर साथियों को पुस्तक बिना किसी डाक खर्च के भेजी जाएगी। इतना करने भी पुस्तक यदी आपको नही प्राप्त होती तब आप मुझे टिप्पणी करे और बताए। प्रकाशन की तरफ से एक पुस्तक मुझे भी भेंट की गई थी, उस अवस्था में आपको मैं अपनी ये इकलोती पुस्तक दे दूंगा।

मेरठ का ब्लागिंग सेमिनार कैमरे की नज़र से

चिंतामग्न दो व्यक्तित्व मनेश जैन, ’एटूजेडबुक्स’ सलीम अख्तर सिद्दीकी हकबात
लेखकीय सम्बोधन
लो आ गई ब्लागिंग की पहली किताब हिन्दी में
विमोचन की रस्म
मंचीय गतिविधियां
मेरठ का ब्लागिंग सेमिनार का शुभारम्भ
विचारमग्न हरि जोशी जी ’इर्द-गिर्द’
हिन्दी ब्लागिंग का सशक्त स्वर- यशवंत सिंह
पहचानये कहां है मनविंदर भिंबर जी ’मेरे आस पास’ जी, रिचा जोशी जीइर्द-गिर्द’
यशंवत सिंह जी ’भड़ास’ सम्बोधित करते हुए
मंचासीन मेहमानों की आमद

लो हो गया ब्लागिंग सेमिनार मेरठ में

मेरठ का पहला ब्लागिंग सेमिनार अपने पूरे जोशो-खरोश अन्दाज में सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के प्रेमचंद सेमिनार हाल में किया गया था। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो। एस. के. काक रहे तथा कार्यक्रम की अध्यक्षता मशहूर उर्दू आलोचक असलम जमशेदपुरी कर रहे थे।
कार्यक्रम में आमंत्रित वक्ता के तौर पर सेमिनार का शुभारम्भ ’इर्द-गिर्द’ जैसा मशहूर ब्लाग चलाने वाले हरि जोशी जी से हुआ। हरि जोशी जी ने अपना वक्तव्य बहुत सादे अन्दाज से शुरू किया लेकिन जब वह मंच पर जम गए तब खूलकर हिन्दी ब्लागिंग पर बोले। उन्होने हिन्दी ब्लागिंग और परम्परागत् मीडिया के तरीको पर प्रकाश डाला साथ ही साथ अपने कुछ निजी अनुभवों का साझा भी किया। यहां एक बात में स्पष्ट तौर पर कहना चाहूंगा कि भारतीय पत्रकारिता के जिन चर्चित चेहरो को मैने व्यक्तिगत् तौर पर जाना है उनमे, प्रणव राय और राजदीप सरदेसाई अपना और दूसरो का बहुत ख्याल रखने वाले लोग है जो अपने ड्रेस सैंस और बाडी लैग्वेज को अपने व्यक्तित्व का अंग बना कर चलते है उनमे अब मैंने एक नाम हरि जोशी जी का भी जोड़ लिया हैं। सेमिनार में आप अपने डेशिंग और डायनेमिक अंदाज के कारण सब लोगो की निगाह में थे। अपना रखरखाव और बेहतर सलीके का प्रस्तुतिकरण सबको कहां आता है। हरि जोशी जी को जो भी लोग जानते है वह बखूबी समझते होगे कि वह पत्रकार कम और किसी कम्पनी के ब्रांड एम्बसेटर ज्यादा लगते है। वह अभी भी माडलिंग में अपना कैरियर बना सकते है।
आपके वक्तव्य के बाद सेमिनार की बागडोर ’भड़ास’ के यशवंत जी ने सम्भालीं। अपने जोरदार सम्बोधन और ठेठ अन्दाज में उन्होने अपनी बात शुरू की। हिन्दी ब्लागिंग का इतना जोरदार प्रतिनिधित्व करने वालो में, मैंने अभी तक कोई दूसरा व्यक्तित्व नही देखा। यशवंत जी झूमकर बोले और देर तक बोले। आपने ब्लागिंग को स्थानीयता से जोड़कर देखा और कहा- जिन खबरों को मुख्यधारा के मीडिया में जगह नही मिल पाती वह सभी खबरे ब्लाग के माध्यम से एक बड़ी पाठक संख्या तक पहूंच पाती है। आगे आपने ब्लागिंग और आर्थिक संसाधनों के एडंवास तरीको पर भी बात की। और बताया कि किस प्रकार से अब हिन्दी ब्लागर भी अच्छी आमदनी अपने ब्लाग के जरिये बना रहे है। इसके अलावा भी वह कई अन्य चर्चित मुद्दों पर भी जमकर बोले। आज के (11 फरवरी/स्थानीय) सभी अखबार यशवतं जी के ब्लागिंग पर दिए गए बयानो से भरे पड़े है। सेमिनार में आते ही यशवंत जी को पत्रकारों ने हाथो-हाथ लिया था। कार्यक्रम में बहुत सारे ब्लागर साथी अपने ब्लाग को चर्चित करने के तरीके भी यशवंत जी से पुछते रहे।
इसके बाद बेहद ही शर्मीली लेकिन अपने धारदार तेवर और सवेंदनात्मक लेखन के जरिये अपनी एक खास उपस्थिति को दर्ज कराने वाली भारत की चर्चित महिला पत्रकारों में से एक और मशहूर ब्लागर मनविंदर भिबंर जी कहा का की वह अभी ब्लागिंग की दुनिया में नई है लेकिन ब्लाग की अहमियत और असर क्या होता है आज ये सबको पता है। ब्लाग से उन सभी नये लिखने वालो का एक सार्थक मंच मिला है जो अच्छी लेखन क्षमता के बावजूद सामने नही आ पाए थे।
कार्यक्रम संचालन के लिए हमारे पास बहुत सारे नामों की एक लम्बी लिस्ट थी लेकिन आखिर में निर्णय ’हकबात’ सलीम अख्तर सिद्दीकी जी के पक्ष में गया। आपने प्रभावी तरीके से इस सेमिनार का संचालन किया और लोगों के सामने दिखाया कि वे एक अच्छे ब्लागर या पत्रकार ही नही बल्कि दक्ष संचालक की भूमिका भी खूब निभा सकते है। इस सेवा के लिए भी आप उनसे बिल्कुल सम्र्पक कर सकते है। वह बीच-बीच में ब्लागिंग के बारे में बताते हुए अपने पक्ष को भी सामने रख रहे थे।
कार्यक्रम की गरिमा बढ़ाने के लिए ऋचा जोशी जी भी थी। ऋचा जी के बारे मे हम सब जानते है कि आपको पत्रकारिता विरासत में मिली है। आपके पिताजी का नाम दिग्गज पत्रकारो की लिस्ट में शुमार है, और आपने ’इर्द-गिर्द’ से अपनी एक खास उपस्थिति को दर्ज किया है। इस ब्लागिंग के भव्य सेमिनार में अन्य बहुत सारे ब्लागर साथियों ने अपना-अपना पक्ष रखा। आमंत्रित ब्लागर और पत्रकार साथियों के नाम और उन्होने क्या-क्या कहा ये सब बताने के लिए ही आठ-दस कड़ियो में अपनी बात कहनी होगी। लेकिन मुख्य बात ये है कि इस समारोह में मुख्य रूप से भारत की पहली हिन्दी ब्लागिंग पुस्तक का विमोचन भी किया गया। आप सबको साथियो को पुस्तक सहज ही उपलब्ध हो सकती है इसके लिए आप सम्र्पक कर सकते हैं। कार्यक्रम में सभी दोस्तो ने चित्र लिए है। जो हमें अगले कुछ दिनों में उपलब्ध हो जाएगें जिसे अगली पोस्टो में प्रकाशित किया जाएगा।

10 फरवरी को हिन्दी ब्लागरों का मेला मेरठ में


मेरठ के चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के प्रेमचंद सेमिनार हाल मे आयोजित हो रहा है, मेरठ का प्रथम ब्लागिंग सेमिनार एक लम्बी सूची ब्लागरों के कार्यक्रम में आने की मिल चूकी है। कार्यक्रम का निमन्त्रण पत्र निम्नवत् है। इस सेमिनार की अन्य सूचना आगे भी मिलती रहेगी



मेरठ में हो रहा है हिन्दी ब्लागिंग पर भव्य सेमिनार

हिन्दी ब्लागिंग अपना परचम दुनिया भर में लहरा कर अब जनसाधारण की अभिव्यक्ति का माध्यम बन गई है। अनेक देश-प्रदेशों में हिन्दी ब्लागिंग को लेकर चर्चाए और सेमिनार होते रहे है। दिल्ली में तो अब हर महिने की ब्लागिंग को लेकर छोटे बड़े सेमिनार हो रहे हैं। इस कड़ी में अब मेरठ शहर का नाम भी जूड़ने वाला है। यहां जमा हो रहे है देश के नामचीन ब्लागर। मेरठ में ब्लागिंग के इस भव्य सेमिनार को आयोजित कर रही है चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी और रवि पब्लिकेशसं। कार्यक्रम यूनिवर्सिटी के प्रेमचंद सेमिनार हाल में 10 फरवरी को सायं 3 बजे होने जा रहा है। इस कार्यक्रम में हिन्दी ब्लागिंग को लेकर अपने विचार रखने के लिए देश भर से ब्लागर आ रहे है। अभी तक प्राप्त सूचना के आधार पर आमंत्रित ब्लागरों में मुख्य रूप से ’भड़ास’ के यशवंत सिंह जी, ’इर्दगिर्द’ से हरि जोशी जी, ’आजकल’ से ओमकार चौधरी जी, ’दिल की बात’ से डा. अनुराग आर्य, ’हकबात’ से सलीम अख्तर सिद्दीकी जी, ’पापुलर कलाम’ से पापुलर मेरठी जी आदि ब्लागर कार्यक्रम में सम्मिलित हो रहे है, इसके अतिरिक्त अन्य ब्लागर भी है जिनके आगमन की सूचना है। ’उड़नतश्तरी’ के समीरलाल जी इन दिनों भारत में है और उनका इस कार्यक्रम में आने का आश्वासन है लेकिन प्राप्त जानकारी के अनुसार अभी हाल ही में उनका स्वास्थ्य गड़बड़ा गया है। ईश्वर उनको जल्दी सेहतमन्द करे ताकी हम इस सेमिनार में उनको भी सून सके। कार्यक्रम में ब्लागिंग पर एक पुस्तक का विमोचन भी होना है। कार्यक्रम में मुख्य अतिथी के रूप में चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो. एस. के. काक रहने वाले है। इसके साथ ही जागरण समूह के धीरेन्द्र मोहन गुप्ता जी का सानिध्य भी प्राप्त होने वाला है तथा मशहूर लेखक असलम जमेशदपुरी जी व रवि पब्लिकेशसं के मनेष जैन जी भी कार्यक्रम में उपस्थित रहेगें। इसके अलावा और भी हिन्दी ब्लागरों के आने की सूचना मिल रही है जैसे-जैसे उनके नाम प्राप्त होते रहेगें आपको सूचित किया जाता रहेगा। आपका भी मेरठ में ब्लागिंग के इस भव्य समारोह में स्वागत है।