कल शाम एक पुराना दोस्त घर आया, बोला उसने एक जेनरेटर सेट 65 हजार रूपये में खरीदा, उसको रिपेयर किया और 1 लाख बीस हजार रूपये में बेच दिया। उसने कहा- उसे अपने आप पर यकीन नहीं हो रहा, कि वो इतने फायदे का सौदा कर आया हैं। वो हमेशा से ऐसा करना चाहता था, लेकिन कभी अपने आप को यकीन नही दिला पाया था कि वो इस तरह इसको बेच भी सकता है, लेकिन इस बार जैसे ही उसे पुराना जेनरेटर दिखाई दिया तब उसने फैसला कर लिया था कि वो इसको अच्छे दामों पर बेच लेगा और उसने बेच दिया।
खुद पर विश्वास करना ऐसा है, जैसे, मन चाही चीज़ हासिल हो जाना। नौकरीपेशा लोग महीने की पहली तारिख की प्रतिक्षा में रहते हैं, मजदूर शाम ढले अपनी मजदूरी की प्रतिक्षा में, दुकानदार माल बिकने के इंतजार में रहता है। हम सब लोग किसी ना किसी वजह से दूसरों को अपनी कामयाबी का आधार मानकर चलते हैं। हमने अपना यकिन अपने आप से हटाकर, दूसरों पर लगा रखा है। अगर आपने सफलता को लक्ष्य बना रखा है, तो दांव भी अपने ऊपर ही खेलना हो। आप खुद पर यकीन करना सीखिए। अपने आप को बताइए की कोई भी कार्य आपके लिए असम्भव नहीं है। क्योंकि जो सफलता आप अपने लिये चाहते हैं, उसके प्रक्ट्रिकल के लिये हमने दूसरों को कैसे चुन लिया। सफलता, जिसका अर्थ प्रत्येक व्यक्ति अपनी जरुरतों के हिसाब से लगाता है। किसी के लिये सफल होना बहुत अधिक पैसा होना होता है, किसी के लिए शौहरत और मान-सम्मान सफलता है, किसी के लिये शीर्ष पर पहुँचना सफलता है। लक्ष्य कुछ भी हो सकता है। सफलता यदि आपके लिए अभी तक असम्भव थी, तो ये मानिए की अब आप सफल होकर ही रहेंगे। आपका खुद को दिलाया गया यकिन सबमें अनमोल धरोहर बन जाता है आपके लिए। हमने जिस प्रकार सुबह उठकर पेस्ट करने को एक सरल प्रक्रिया मान रखा है, अपने जुते पाॅलिश करना या दूसरे ऐसे ही कुछ और काम, जिनमें कोई कठिनाई हमें नज़्ार नहीं आती और हम आसानी से इन कामों को कर लेते हैं। ऐसे ही कोई भी अन्य असम्भव प्रतीत होने वाला कार्य भी हम केवल विश्वास के बल पर सरलता से कर सकते हैं।
खुद पर विश्वास करना ऐसा है, जैसे, मन चाही चीज़ हासिल हो जाना। नौकरीपेशा लोग महीने की पहली तारिख की प्रतिक्षा में रहते हैं, मजदूर शाम ढले अपनी मजदूरी की प्रतिक्षा में, दुकानदार माल बिकने के इंतजार में रहता है। हम सब लोग किसी ना किसी वजह से दूसरों को अपनी कामयाबी का आधार मानकर चलते हैं। हमने अपना यकिन अपने आप से हटाकर, दूसरों पर लगा रखा है। अगर आपने सफलता को लक्ष्य बना रखा है, तो दांव भी अपने ऊपर ही खेलना हो। आप खुद पर यकीन करना सीखिए। अपने आप को बताइए की कोई भी कार्य आपके लिए असम्भव नहीं है। क्योंकि जो सफलता आप अपने लिये चाहते हैं, उसके प्रक्ट्रिकल के लिये हमने दूसरों को कैसे चुन लिया। सफलता, जिसका अर्थ प्रत्येक व्यक्ति अपनी जरुरतों के हिसाब से लगाता है। किसी के लिये सफल होना बहुत अधिक पैसा होना होता है, किसी के लिए शौहरत और मान-सम्मान सफलता है, किसी के लिये शीर्ष पर पहुँचना सफलता है। लक्ष्य कुछ भी हो सकता है। सफलता यदि आपके लिए अभी तक असम्भव थी, तो ये मानिए की अब आप सफल होकर ही रहेंगे। आपका खुद को दिलाया गया यकिन सबमें अनमोल धरोहर बन जाता है आपके लिए। हमने जिस प्रकार सुबह उठकर पेस्ट करने को एक सरल प्रक्रिया मान रखा है, अपने जुते पाॅलिश करना या दूसरे ऐसे ही कुछ और काम, जिनमें कोई कठिनाई हमें नज़्ार नहीं आती और हम आसानी से इन कामों को कर लेते हैं। ऐसे ही कोई भी अन्य असम्भव प्रतीत होने वाला कार्य भी हम केवल विश्वास के बल पर सरलता से कर सकते हैं।
इसलिए खुद को यकिन दिलाइये, आपके लिए कोई भी कार्य असम्भव नहीं है। यदि कामयाबी का रास्ता किसी लम्बी सीढ़ी से होकर जाता है, तो खुद पर किया गया यकीन उसका पहला कदम है।
7 comments:
behtarin padh kar laga ha , jindgi me kafi kuchh abhi baki hai
hum honge kamyaab ek din..yehi to hum sunte aaye hain.Ek nagma khud pe yakeen ka bhi sun liya, ab gun ke dekhenge.
Bahut khoobsurat vichar hai, agar hum apni apni zindgi ese ise apply karne me kamyab ho jai to koi manzil, koi rasta namumkin nahi1
Bahut khoobsurat vichar hai, agar hum apni apni zindgi ese ise apply karne me kamyab ho jai to koi manzil, koi rasta namumkin nahi1
आपकी सालगिरह के लिये बधाई। ख़ुद पर यक़ीन करना तो सिखिए में बहोत कुछ सिखने को मिला। आभार।
Thanks Raziya ji...lakin aapko kase pata chala
आपका ये लेख देर बाद देखा ..लेकिन यकीं के साथ अपने अनुभव से भी कह रही हूँ ...मुझे आपके इस लेख को सच में अनुभूतं करने का मौका मिला है .....आभार ,नए साल की शुभकामना
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