पेपर कटिंग

10 फरवरी को मेरठ में हुए ब्लागिंग सेमिनार एवं पुस्तक विमोचन कार्यक्रम अखबारों की ज़ुबानी। उन सभी पत्रकार दोस्तो का आभार जिन्होने पुस्तक की समीक्षा को इतने सून्दर ढंग से प्रस्तुत किया।

उपरोक्त समीक्षा दैनिक हिन्दूस्तान की मशहूर पत्रकार मनविंदर भिबंर जी ने की है। आप खुद भी ’मेरे आस पास’ के नाम से चर्चित ब्लाग चलाती है।
दैनिक हिन्दूस्तान की रिर्पोट
उपरोक्त समीक्षा वरिष्ठ स्तम्भकार सलीम अख्तर सिद्दीकी ने की है जो दैनिक DLA में प्रकाशित हुई। आप खुद भी ’हकबात’ के नाम से अपना ब्लाग चलाते है
दैनिक DLA की रिर्पोट
उपरोक्त समीक्षा दैनिक जागरण के युवा पत्रकार सचिन राठौड़ ने की है। आप खुद भी ’अपना समाज’ के नाम से अपना ब्लाग चलाते है
दैनिक राष्ट्रीय सहारा की रिर्पोट
दैनिक जागरण की रिर्पोट
बहूत सारे मित्र जानना चाह रहे है कि पुस्तक किस प्रकार से प्राप्त की जा सकती है। तो यह बेहद ही सरल है इसके लिए आप अपने शहर के AHW व्हीलर, या किसी भी प्रमुख बुक स्टाल से यह पुस्तक प्राप्त कर सकते है। क्योंकि ये पुस्तक भारत के सभी हिन्दीभाषी क्षेत्रों में सहज ही उपलब्ध है। इसके पश्चात भी यदी आपको पुस्तक ना मिले तब आप सीधे-सीधे 150 रूपये का एक मनीआर्डर प्रकाशक के नाम से भेजे जो इस प्रकार से होगा।
रवि पाकेट बुक्स
33 हरि नगर, मेरठ शहर (उ.प्र.) 250002
आपको कुछ दिन के अन्दर ही 336 पेज की यह पुस्तक डाक द्वारा भेज दी जाएगी। विशेष बात ये है कि सभी ब्लागर साथियों को पुस्तक बिना किसी डाक खर्च के भेजी जाएगी। इतना करने भी पुस्तक यदी आपको नही प्राप्त होती तब आप मुझे टिप्पणी करे और बताए। प्रकाशन की तरफ से एक पुस्तक मुझे भी भेंट की गई थी, उस अवस्था में आपको मैं अपनी ये इकलोती पुस्तक दे दूंगा।

7 comments:

Udan Tashtari said...

बहुत बहुत बधाई एवं शुभकामनाऐं. एक प्रति प्राप्ति की उत्सुक्ता थी, कृप्या बतायें कैसे प्राप्त कर सकते हैं??

विधुल्लता said...

आप तो छा गए भाई इरशाद जी,आपके लिए ...लुइ आरागों साम्यवादी फ्रांसीसी कवि की कुछ पंक्तियाँ नज्रकरती हूँ ...जिन्होंने अराजकता,दादावाद के खिलाफ और क्रांतिकारी अतियथार्थवादी कविता और लेख लिखें ....इनमें सन्दर्भ और नयेपन के अर्थ हैं .......प्यार पर किसी ने लिखा,आग लग जाने पर बचाव के लिए भागना मना है ,...आकाश पर किसी ने लिखा, आप भूल कर रहें हैं ,वो यहाँ नही हैं,...और रात पर किसी ने लिखा......रात पर,...किसी ने कुछ नही लिखा,........और ब्लॉग पर आपने लिखा....आमीन

अनूप शुक्ल said...

बधाई!

विष्णु बैरागी said...

इस सेमीनार के प्रसंग पर जो सामग्री और पुस्‍त आपने प्रकाशित की थी और सेमीनार के जो कतरनें आपने प्रस्‍तुत की हैं, वे सब किस प्रकार पाई जा सकती हैं-बताएगा।
यदि कोई भुगतान भेजा जाना है तो सूचित कीजिए कि कितनी रकम, किसके नाम से, किस प्रकार भेजी जानी है। मेरा ई-मेल पता है - bairagivishnu@gmail.com

आपने शानदार आयोजन किया। इस हेतु बधाइयां। अभिनन्‍दन।

MANVINDER BHIMBER said...

अरे यहाँ to बहुत कुछ है ......मेरी समीक्षा को भी आपने shamil किया .... मुझे सच me वो किताब बहुत jaankaari prak लगी .....

बहुत बहुत बधाई एवं शुभकामनाऐं

हरकीरत ' हीर' said...

इरशाद जी, आपका बहुत- बहुत शुक्रिया जो ये न्‍यूज हम तक पहुँचाई मन्‍विदर जी आपको भी बधाई
आप वहाँ आमंत्रित हुई ये सौभाग्‍य आपको मिला ...इरशाद जी क्‍या ये पुस्‍तक हमें भी मिलेगी...?

कडुवासच said...

... आपकी अभिव्यक्ति प्रसंशनीय है, बधाई, शुभकामनाएँ!!!