आज सुबह जब सोकर उठा तो मेरठ में कर्फ्यू लगा पाया। कल की एक छोटी सी घटना को लेकर यहां के स्थानिय मुस्लिम नेताओं ने शहर में कर्फ्यू लगवाकर ही दम लिया। घटना कुछ इस तरह से है कि कल जमात (तबलीगी जमात) से लौटते हुए कुछ मुस्लिम समुदाय के लोगों की अन्य समुदाय के लोगों से कुछ कहासुनी हो गयी। बात ये है कि कोई भी दो समुदाय के लोगों की आपस में कहासुनी अक्सर ही हो जाती है लेकिन बात कभी भी इतनी नही बढ़ती की शहर में कर्फ्यू लगा दिया जाए। चूकिं यहां मामला जमात के लोगों के होने से जुड़ा था। बस क्या था यहां के एक शातिर गुण्डें ने जो यहां का मुस्लिम कौम का नेता भी बना हुआ है और जो इस वक्त चुनाव में हारने की वजह से खिसयाया हुआ है, उन जमात के लोगों की वकालत में शहर में जगह-जगह उपद्रव मचाने की कोशिश की लेकिन पुलिस ने हर जगह मामले को सम्भाल लिया। अच्छा इस स्थानिय गुण्डें ने जो अपने आप को कौम का रहनुमा भी बताता रहा है हर जगह दंगा भड़काने की कोशिश की लेकिन असफल रहा। उसने दिनभर हर जगह पहुंच कर लोगों को भड़काया जैसे ईदगाह चौपला, घंटाघर, रोहटा फाटक हर जगह उसका प्रयास असफल रहा और मुस्लिम कौम ने उसकी बात को सून कर अनसुना कर दिया। लेकिन रात में उसने अपने गुण्डों को लेकर दूसरे कौम की एक धर्मशाला पर पथराव और जलती हुयी चीजें फेंकी तथा पुलिस की एक गाड़ी को आग लगवा दिया। बस इतना होते ही प्रशासन ने शहर में कर्फ्यू लगा दिया। अब जब हमारी बात हमारे पत्रकार मित्रों से हुयी तो सबने बता ही दिया है कि वो गुण्डा अब इसको और बढ़ाने की कोशिश में लगा हुआ है जिससे
अपनी सियासत को चमका लें। इस नेता का कहना ये भी रहा है कि जब तक वो नेता था तब तक शहर में कोई दंगा नही था लेकिन जैसे ही शहर के लोगों ने उसे नकारा उसने ये कमाल भी दिखा दिया। दोस्तों हम मेरठ के ब्लागर आपस में जुड़े हुए है और पूरी दुनिया को अपनी पोस्टों से लाइव अवगत कराते रहेगें। इस सब पर आपकी क्या प्रतिक्रिया है जरूर बताये।
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15 comments:
बताते रहें..जल्द शांति कायम हो, यही कामना है.
लोगों को बाँट कर राजनीति करने वाले लोग ऐसा ही करते हैं। जनता को इन से सावधान रहना चाहिए। जनता की मजबूत एकता ही इन का सर्वोत्तम इलाज है। जनता में सद्भाव बनाए रखने की इच्छा रखने वालों को अधिक सक्रिय हो जाना चाहिए।
हम पहले ही मेरेठ के हालात पर कह चुके है.वहा मुस्लिम जमात ने हर जगह जहा वो रेहडी लगाने वालो या उनकी आबादी अधिक है.हिंदु लडकियो का निकलना मुश्किल कर रखा है ये हाल हर उस जगह है जहा इनकी आबदी ज्यादा है वो वाहे मुरादाबाद हो या मुज्जफ़रनगर या सहारनपुर. यहा मिनी कशमीर बन रहा है आज नही तो कल ये बम फ़ट कर रहेगा सेकुलरवाद इस देश को खड्डॆ मे ले जा रहा है
अमन की प्रार्थना के साथ इरशाद सर के साथ हैं ।
ab hwa se bhi darne lage hai log..jider dekho khidki band hai.....
ये मुखौटें लगाए नेताओं ने ही तो आम आदमी का दम निकाल कर रखा है ...इनके पीछे आप जैसे सजग पत्रकार हों तो मुश्किलें आसान होंगी ही ...आप लिखतें रहें ....आपके यहाँ अमन चैन बना रहे यही दुआ है
आपको इस साफ़गोई के लिए धन्यवाद।
नागरिक अम्न चैन से रह सकें, ऐसी कामना है।
चंद स्वार्थी तत्वों की कारस्तानी और सारे शहर की परेशानी।
-Zakir Ali ‘Rajnish’
{ Secretary-TSALIIM & SBAI }
aap badhai ke patr hai.
इरशाद, मेरठ के हालात से थोड़ी बहुत वाकिफियत है। बांटने वाली घटिया राजनीति का चलन है। आप लोग ब्लॉग पर सही बातें पहुंचाते रहें। इसमें मौजूद जोखिम के बावजूद आप लोगों की हिम्मत काबिले तारीफ है।
शाम पांच बजे पार्किंग के विवाद को लेकर एक साथ चौदह स्थानों पर (आधिकारिक बयान) पत्थरवाजी होना इस बात का प्रमाण है कि साजिश पहले ही रची गई थी जो आंशिक कामयाब हुई। लेकिन एक सवाल ये भी है कि आज सपा और कल बसपा में शामिल होने वाले नेताओं या कारोबारियों पर प्रशासन कभी हाथ क्यों नहीं डालता। दूसरा सवाल कि क्या पुलिस और प्रशासन का खुफिया और मुखविर तंत्र ध्वस्त हो चुका है।
thik hai.
जो जैसा करेगा वैसा भरेगा..फिलहाल दिलोजान से कोशिश में रहिए कि आग जल्दी थम जाये।
बहुत dinon बाद आपके ब्लॉग पे aana हुआ irshad जी .....merath में karfhu का tamam vakya pdha ....bda ही ghinouna karya है ये ...haar के bad ...khisiyani billi khamba nochne wali khawat charitarth हो रही है ....!!
AMAN KA DUSHMAN KOI BHI HO USE SAZA ZAROOR MILNI CHAHIYE, IRSHAD BHAI SHUKRIYA IS REPORT KE LIYE
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