तुमने भी कहीं जरूर पढ़ा होगा, बुरे वक्त की अच्छी बात ये है कि वो ज्यादा देर रुक नहीं सकता। मैं कहूंगा, तो कहोगे “दिलासा मत दो” तुम दिलासे लेना भी मत, बस! एक जोर की ऐड़ लगाकर यह खाई पार कर लेना। जो अंधेरों से भरी रात है वो असल में चांदनी फिज़ा की महक है, जो थोड़ी देर बाद ही रोशनी का पैगाम लेकर सूरज के रथ पर आ रही है। अपने आसूंओं को यूं जाया मत किया करो। मीठा है तुम्हारे आंसूओ का नमक। मैंने चखा है, इसलिए बता रहा हूँ। मुझे शुगर कराओगी क्या?
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5 comments:
Bahut badhiya! Ham bhee usee sooraj ke intezaar me hain!
gaagar me sagr ..akhtar khan akela kota rajsthan
इरशाद भाई,
आरज़ू चाँद सी निखर जाए,
जिंदगी रौशनी से भर जाए,
बारिशें हों वहाँ पे खुशियों की,
जिस तरफ आपकी नज़र जाए।
जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएँ!
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ब्लॉग समीक्षा की 32वीं कड़ी..
पैसे बरसाने वाला भूत...
sundar
sundar
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